जौनपुर। प्रदेश की सत्ता योगी आदित्यनाथ के हाथों में जब से आई है तब से भू माफियाओं में तो अचानक भूचाल यानि हड़कंप मचा हुआ है।
उत्तर प्रदेश में 19 मार्च 2017 को सरकार बनते ही सीएम योगी जी पूरी तरह से फूल एक्शन मे आ गए और उन्होंने इससे निजात पाने और जनता को दिलाने के लिए एक बाड़ी का गठन किया गया जिसका नाम उन्होंने एंटी भू माफिया टास्क सेल के रूप में उसका उदय कर दिया और अधिकारियों को बहुत सख्त हिदायत दी गई कि भू माफियों में कोई भी कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो अवैध कब्जे जरूर हटवाए जायेगा । प्रदेश के मुख्यमंत्री के इस सख्त तेवर को देख कर अधिकारी प्रदेश के समस्त ज़िलों में पूरी तरह से हरकत में आए और भू माफियाओ से ज़मींन को मुक्त कराया जाने लगा।
जगह जगह बाबा का बुल्डोजर गरजने लगा तो माफियाओं की हेकड़ी निकल गई लेकिन जौनपुर में एक प्रभावशाली स्वर्ण व्यापारी पर अभी तक इसका कोई प्रभाव पड़ता नज़र नहीं आ रहा यह जनता की चर्चा चाय की दुकानों पर अक्सर सुनाई देती है की कितना प्रभाव शाली व्यक्ति है जब जिले में कुछ एहसे अतिक्रमण हटाए गए जो अधिकारी और मंत्री विधायक के थे लेकिन इस सराफा व्यपारी का कुछ नहीं हो रहा चर्चा यह भी की भाजपा की सदस्यता भी इसी वजह से उक्त व्यापारी पर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है।
शहर कोतवाली चौराहा स्थित डायट परिसर की बेश कीमती जमीन पर उक्त सराफा व्यापारी का कब्जा बरकरार है इस सम्बन्ध में हमारे प्रतिनिधि ने जब जानकारी चाही तो वह कटराने लगे लेकिन सूत्रो से यह जानकारी का पता चला है कि नीचे से लेकर ऊपर तक एक अच्छे मैनेजमेंट का खेल खेला गया है । अब ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि बेशकीमती जमीन पर सराफा व्यापारी द्वारा अवैध कब्जा किए जाने का मामला भी जगजाहिर है उसके बावजूद भी इस अवैध निर्माण पर बाबा का बुलडोजर क्यों नही चल रहा है यह समझ से परे है की इसमें खेल क्या है । जिला प्रशासन की निगाह ऐसे लोगो पर कब पड़ेगी? देखा जाये तो जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानि डायट के ज़िम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी भी इस मामले में मुंह खोलने से बच रहे ह वह पूरी तरह मौन है आखिर इसकी क्या वजह है इस पर भी सवालिया निशान है!