नाले में गिरी गाय को मोहल्ले वासियों ने काफी मशक्कत के बाद निकाला बाहर


      जिम्मेदारों की संवेदनहीनता उजागर, घोर लापरवाही आई        सामने।

कर्नलगंज, गोण्डा। तहसील मुख्यालय स्थित कर्नलगंज कस्बे में कमिश्नर देवीपाटन मंडल एवं डीएम गोंडा का छुट्टा गोवंशों को पकड़कर आश्रय स्थलों तक पहुंचाए जाने का आदेश हवा-हवाई साबित हो रहा है। नगर पालिका परिषद कर्नलगंज के पास बेसहारा पशुओं को रखने के लिए कोई इंतजाम व पशु आश्रय स्थल नहीं है। ऐसे में बेसहारा पशुओं को ठिकाना तक नहीं मिल पा रहा है।जिससे छुट्टा पशु कभी गड्ढों तो कभी नाले में गिर जाते हैं और आये दिन सड़क दुर्घटना का शिकार होकर लावारिस हालत में पड़े तड़पते रहते हैं। इसी क्रम में ताज़ा मामला कर्नलगंज कस्बे में सामने आया है। जहां कस्बे के मोहल्ला बालूगंज के निकट व भैरव नाथ मंदिर के पास स्थित नाले में शुक्रवार को एक गाय गिर गई। 

इसकी जानकारी होते ही मोहल्ले वासियों ने गाय को नाले से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए नगर पालिका परिषद के जिम्मेदारों को फोन कर जानकारी दी लेकिन काफी देर तक कोई भी अधिकारी,कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। उसके बाद डीएम नेहा शर्मा के ओएसडी से भी लोगों ने फोन पर बात कर पूरी समस्या से अवगत कराया इसके बावजूद कोई जिम्मेदार मौके पर दिखाई नहीं पड़े। बेसहारा गाय को बचाने के लिए मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। हर कोई बस गाय को नाले से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रयास में लगा दिखाई पड़ा। मोहल्ले के लखन, अमित सागर आदि लोगो नें कड़ी मशक्कत के बाद गाय को नाले से किसी तरह बाहर सुरक्षित निकाला। गाय सुरक्षित बाहर निकल आई तब लोगों ने राहत की सांस ली। 


खुले में घूम रहे बेसहारा पशु, आश्रय के नहीं हैं कोई इंतजाम।

आपको बता दें कि कर्नलगंज कस्बा क्षेत्र में भारी संख्या में बेसहारा पशु खुले घूम रहे हैं जो विभिन्न सड़कों जगह जगह जमे होने के साथ ही राहगीरों के दुर्घटना का कारण बन रहे हैं वहीं किसानों की बड़े पैमाने पर हरी भरी फसल भी तबाह कर रहे हैं।

नगर पालिका परिषद के पास भी बेसहारा पशुओं को रखने के लिए कोई इंतजाम व पशु आश्रय स्थल नहीं है। ऐसे में बेसहारा पशुओं को ठिकाना तक नहीं मिल पा रहा है। जिससे छुट्टा पशु कभी गड्ढों तो कभी नाले में गिर जाते हैं और आये दिन सड़क दुर्घटना का शिकार होकर लावारिस हालत में पड़े तड़पते रहते हैं और आखिर में उनकी दर्दनाक मौत हो जाती है। वहीं बाजार में यह पशु सड़कों पर लोगों के जान के दुश्मन बन रहे हैं। आए दिन लोग इनका शिकार हो रहे हैं। वैसे समय-समय पर अभियान चलाकर इन छुट्टा पशुओं को पकड़ने का दावा तो नगर पालिका के जिम्मेदार कर रहे हैं,लेकिन धरातल पर देखा जाय तो सब कागज़ों तक सीमित है। क्योंकि बीच सड़कों पर बैठ कर जुगाली कर रहे पशु दावों को खोखला साबित करते दिख रहे हैं।मौजूदा समय में पूरे कस्बा क्षेत्र में छुट्टा पशुओं को आसानी से घूमते देखा जा सकता है। यही स्थिति गांवों में हैं,जहां किसान भी छुट्टा पशुओं से परेशान हैं। इस संबंध में जानकारी करने हेतु उपजिलाधिकारी कर्नलगंज से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नेटवर्क क्षेत्र से बाहर था।

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