जौनपुर। शहर विसर्जन पर सर्योपासना के महापर्व छठ के अवसर पर शहर में भक्तिमय माहौल देखने को मिला। छठ के गीतों की धुन पर लोग जगह-जगह थिरकते नजर आए। डीजे पर बजते भक्ति गीतों के बीच पूरा शहर छठ मइया की आराधना में लीन था। पर्व के दौरान शहर के विभिन्न मार्गों पर भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई, परंतु लोगों का उत्साह इससे कम नहीं हुआ।
शहर में जगह-जगह बैंड-बाजे और डीजे की आवाज गूंज रही थी, और "बहगीं लचकत जाय" जैसे मधुर छठ गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। घाटों पर उमड़ी भीड़ और छठ पर्व की रौनक देखने लायक थी। महिलाओं ने अपने परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की दीर्घायु की कामना करते हुए एक दिन पहले से व्रत धारण कर लिया था। गुरुवार को सूर्यास्त के समय व्रती महिलाएं सज-संवरकर अपने हाथों में फलों से भरी डलिया,
गन्ना, और पूजन का सामान लेकर अपने घरों से निकलीं। वे शहर के प्रमुख घाटों जैसे गोमती नदी के प्रतिमा विसर्जन घाट, गोकुल घाट, हनुमान घाट और अचला देवी घाट की ओर रवाना हुईं, जहां उन्होंने घुटने तक पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य की पूजा की छठ पर्व की परंपरा का उद्गम बिहार से हुआ, जहां से उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में ब्याही गई दुल्हनों ने इस पर्व की परंपरा को अपने साथ बनाए रखा। समय के साथ यह परंपरा पूरे देश में फैल गई है। जौनपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी नदियों और तालाबों के किनारे छठ पूजन के दृश्य मनमोहक थे।