अखिलेश सिंह ब्यूरो चीफ हरदोई
हरदोई । शाहाबाद क्षेत्र में एक मंदिर की स्थापना के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने संविधान की चेतना और धार्मिक एकता को लेकर महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि संविधान की मूल भावना को समझने और उसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है। इससे नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे और उनका पालन कर सकेंगे।
राज्यपाल श्री खान ने धर्म के तत्व पर बात करते हुए कहा, “सभी स्थानों पर भगवान के नाम अलग हो सकते हैं, लेकिन उनका तत्व एक ही होता है। कोई शिव को पूजता है, तो कोई विष्णु को, लेकिन अंततः वह एक ही शक्ति है। जब हम किसी को नमस्कार करते हैं, तो वह उसी शक्ति के प्रति होता है।" उनके इस वक्तव्य ने धार्मिक एकता और समरसता का संदेश दिया।
कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए राज्यपाल ने बताया कि यह आयोजन काफी समय से लंबित था और उनके कारण कई बार स्थगित भी हुआ। उन्होंने कहा अब यह कार्यक्रम संपन्न हो रहा है, यह खुशी की बात है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संविधान की जागरूकता बढ़ाना न केवल नागरिकों के अधिकारों को जानने के लिए जरूरी है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि लोग अपने कर्तव्यों को भी समझें और उनका पालन करें।
उन्होंने कहा कि भारत की विविधता उसकी शक्ति है और इसे बनाए रखने के लिए सभी नागरिकों को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान एक ऐसा मार्गदर्शक है, जो हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे का अधिकार देता है।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के इन विचारों ने न केवल धार्मिक सद्भाव का संदेश दिया, बल्कि संविधान की महत्वता और नागरिक कर्तव्यों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने निरंतर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि एक जागरूक समाज ही देश को सशक्त बना सकता है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, समाजसेवी और अधिकारी उपस्थित रहे। राज्यपाल के विचारों को सराहा गया और इसे सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के लिए एक सकारात्मक पहल माना गया।